भारत देश की कहानी भारतवासी की जुबानी है
भारत देश की कहानी भारतवासी की जुबानी है
माँ कहते है हम इसको ये जन्मस्थान हमारा है
ये देश हिंदुस्तानी को अपने प्राणो से प्यारा है
बाँट रहे जो भारत को अब ये उनकी मनमानी है
भारत देश की कहानी भारतवासी की जुबानी है
संकल्प वचनो से नहीं होता ये भारत कर्म प्रधान है
हिन्दू हो या मुस्लिम हो भारत माँ की संतान है
बंद करो ये धर्मारोप ये बाते उन तक पहुचानी है
भारत देश
की कहानी भारतवासी की जुबानी है
कोई कह रहा मंदिर है किसी ने मस्जिद नाम पुकारा है
भूल गए क्यों तुम माँ को बोलो भारत देश हमारा है
अगले जन्मो के खातिर क्यों देते इस पल की क़ुरबानी है
भारतदेश की कहानी भारतवासी की जुबानी है
खाने के पड़ते लाले है फैली बेरोजगारी है
हम दो और हमारे दो ये जनहित में जारी है
दो बच्चो के लालन पालन में माँ
-बाप ने उम्र गुजारी है
फिर क्यों कहते हो चार करो तुम
, दो में क्या तुमको परेशानी है
कर देंगे चार क्या दस भी कह दो, परवरिश तुमको करवानी है
भारतदेश की कहानी भारतवासी की जुबानी है
जो लोग प्यार को नीलम कर , कर रहे खड़ी है फ़ौज यहाँ
कहते है बच्चे ठोकर उनके तिल तिल मरते है यहाँ
वहाँ
एक दूजे को नीचा दिखाना ये बाते बड़ी बचकानी है
प्यार से जी लो दो पल सब ये बात तुम्हे समझानी है
भारत देश
की कहानी भारतवासी की जुबानी है
बहुत हो गया रोना मरना सपना जगद गुरु हमारा है
हम भारत की संताने है भारत माँ ने हमें पुकारा है
छोडो झगड़े और फसाद को यारी हमें निभानी है
प्यार से जी लो दो पल सब ये बात तुम्हे समझानी है
भारत देश की कहानी भारतवासी की जुबानी है
देश-प्रेम है मन भीतर तिरंगा प्राणो से प्यारा है
मिलकर सब आगे बढ़ते है ये परिवार हमारा है
मुस्लिम हो या हिन्दू हो हर बच्चा हिंदुस्तानी है
भारत देश की कहानी भारतवासी की जुबानी है
Hem Chandra Tiwari 'MHICHA'
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