Saturday 8 October 2016

सुख-दुःख

हँसते मुस्कराते ये पल
जीवन में रहते हैं ऐसे
साथी पलभर के जीवन में
बनकर के रहते हैं जैसे
खुशियों में जब हम खो जाते हैं
दुख रहते हैं दूर सभी
दस्तक तब दुख देते हैं
जीवन के पहलू हों जैसे

सुख में जैसे मौज मनाकर
हम जीवन जी लेते हैं
सारा मधुमृत छान-छानकर
झटपट ही पी लेते हैं
दुख के क्षीर भी छोङें क्यों
सरस तरिनी जब मी गये
ये भी तो हैं साथी जीवन के
शीश औ पग साथ हों जैसे

मौजी तू जीवन का, जल्द ही,
अंधकार से घबराता है
अपने इस दुखियारे जीवन से
आखिर तू क्यों कतराता है?
याद तुझे ये रहे हमेशा
सृष्टि का भी यही नियम है
तेरा जीवन फिर उदित ही होगा
सूर्य उदित होता है जैसे।


By
Hem Chandra Tiwari
mhicha

अधूरी हसरतें...........

अधूरी हसरतें...........

कुछ तो कहा होता
कुछ तो सुना होता
हमारे प्यार का कुछ तो
ताना बाना बुना होता
मुकम्मल होता
महकता साँसों में
उस वक्त
जब मैंने तुझे चूमा होता

थम जाती साँसें
रक्त उफान पर होता
आँखों की जुगलबंदी होती
इश्क मुकाम पर होता
दिल की चौखट पर
दस्तक तो तेरे भी होती
अगर मैं कुछ यूँ
बदनाम न होता

तेरा शर्माना भी जायज होता
मेरा मनाना भी जायज होता
तू बाहों में झूले झूला करती
तुझको सीने से लगाना भी होता
मेरे कंधों पर तेरा सर होता
उसे प्यार से सहलाना भी होता
ये सब कुछ होता अगर
दिल से तूने अपनाया होता

By
Hem Chandra Tiwari
mhicha

कई भाई लोग साथ आ रहे हैं, अच्छा लग रहा है, एक नया भारत दिख रहा है। आजाद हिंद के सपनो का अब फिर परचम लहरा है। उन्नति के शिखरों में अब राज्य ह...