Saturday 17 February 2018

मेरे तू प्यार को समझे, अभी ये आस बाकी है इसी उम्मीद में इस ज़िस्म में दो साँस बाकी है।


के गुज़रा वक़्त ऐसा है जी भर रो भी न पाऊँ
न तुझको भूल ही पाऊँ, न तेरा हो ही मैं पाऊँ।
मेरे तू प्यार को समझे, अभी ये आस बाकी है
इसी उम्मीद में इस ज़िस्म में दो साँस बाकी है।
चलाये तीर जो तुमने, इस दिल को चीर ही डाला
जुड़े दो ज़िस्म और रूह, मेरा अंज़ाम बाकी है।
जमाना जल रहा है, प्यार मेरा देखकर तुझसे
चलो अच्छा है, ज़माने में मेरी पहचान बाकी है।

Wednesday 14 February 2018

LOVE SONG: VALENTINE DAY 2018


LOVE SONG

You only you
Live in solemn heart of mine
Promise I promise
I would never let you lose
The holy love, I do

Tell me
How you will come to know
My love for you is true

Can I sing a song for you?
Can I shout your name loud?
Can I breathe your breaths?
Can I roam surround you?

I say
Baby I love you more than
Anyone can do

Tell me
How you will come to know
My love for you is true

I want to catch you again
Want to dance in the rain
Kiss your lips my whole life
Come on play it again

We will live together
I’ll make you happy never bother
You are my life my darling my love
You are my charm my wish my love

Tell me
How you will come to know
My love for you is true

Can I dream you in my sleep?
Can I see you in the day?
Can I ask you for a ride?
In the full moon night

Can I inscribe the name of love?
The name 'Love' on my heart
Come to me O! My life

Tell me
How you will come to know
My love for you is true

Sunday 4 February 2018

कासगंज: बोलो भी कब बोलोगे?



बोलो भी कब बोलोगे
गहन निद्रा को त्याग कर बंद आँख कब खोलोगे
बोलो भी कब बोलोगे

कहा चार है दो तुम भी कह दो निंदा नहीं प्यार के बोल
दूजे की निंदा छोड़ो भी अब अपने को कब तोलोगे
बोलो भी कब बोलोगे

तू भी मुसाफिर मैं भी मुसाफिर एक ही राह है मंजिल एक
साथ चलो सब मिल जुलकर बोझिल बेड़ियाँ कब तोड़ोगे
बोलो भी कब बोलोगे

मैं हिन्दू तू मुस्लिम कहता धर्मो का करते गुणगान
कोई गा रहा मौला -मौला कोई जप रहा राम- राम
ऊपर वाले से प्रीत लगाई आपस में दिल कब जोड़ोगे
बोलो भी कब बोलोगे

धर्म की सीख का पाठ पड़ा है फिर भी दुश्मन क्यों आपस में
क्या प्रेम का कोई पाठ नहीं दोनों धर्मो के सिलेबस में
या तो नहीं अच्छे हम विद्यार्थी, या शिक्षा अभी अधूरी है
धर्म ज्ञान की सीखो को अपनाना भी जरुरी है
झूठा घमंड क्यों खुद पर इतना व्यर्थ घमंड कब तोड़ोगे
बोलो भी कब बोलोगे

तू भी इंसान मैं भी इंसान क्या तेरा है क्या मेरा है
प्यार से जी लो इन चंद दिनों को यहीं जनम-जनम का फेरा है
जो प्यार न भावे मन को तेरे तो कर ले अपनी मनमानी
कर धर्म की बातें व्यर्थ अनर्गल फिर न किसी बात की हैरानी
लड़ो-मरो और खून बहाओ यहीं तो धर्म हमें सिखलाता है
यहीं तो तेरा कर्म यहाँ पर जिस पर तू इतना इतराता है
तभी हो सार्थक जन्म हमारा धर्म का होगा जय-जयकार
पर उसको जवाब भी देना होगा जो बैठा इस दुनिया के पार
रो- रो कहता संतानो से इन झगड़ो से मुह कब मोड़ोगे
बोलो भी कब बोलोगे

कई भाई लोग साथ आ रहे हैं, अच्छा लग रहा है, एक नया भारत दिख रहा है। आजाद हिंद के सपनो का अब फिर परचम लहरा है। उन्नति के शिखरों में अब राज्य ह...