Saturday 8 October 2016

अधूरी हसरतें...........

अधूरी हसरतें...........

कुछ तो कहा होता
कुछ तो सुना होता
हमारे प्यार का कुछ तो
ताना बाना बुना होता
मुकम्मल होता
महकता साँसों में
उस वक्त
जब मैंने तुझे चूमा होता

थम जाती साँसें
रक्त उफान पर होता
आँखों की जुगलबंदी होती
इश्क मुकाम पर होता
दिल की चौखट पर
दस्तक तो तेरे भी होती
अगर मैं कुछ यूँ
बदनाम न होता

तेरा शर्माना भी जायज होता
मेरा मनाना भी जायज होता
तू बाहों में झूले झूला करती
तुझको सीने से लगाना भी होता
मेरे कंधों पर तेरा सर होता
उसे प्यार से सहलाना भी होता
ये सब कुछ होता अगर
दिल से तूने अपनाया होता

By
Hem Chandra Tiwari
mhicha

2 comments:

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