काश!
एक बार फिर चमन में वो फूल खिले
जिसकी खुशबू में अमन की महक हो
काश सूर्योदय फिर ऐसा हो गगन में
हर ओर प्रकाश हो, स्वच्छता दिखे
मन साफ, बैर रहित, समाजहित में कार्य हो
और मानवता चहके चहुँ ओर-
मैं अभी जीवित हूँ।
कई भाई लोग साथ आ रहे हैं, अच्छा लग रहा है, एक नया भारत दिख रहा है। आजाद हिंद के सपनो का अब फिर परचम लहरा है। उन्नति के शिखरों में अब राज्य ह...
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