Monday, 13 November 2017

बाल दिवस

आज का दिन बहुत खास है। 14 नवंबर, बाल दिवस का दिन। सभी लोग बधाइयाँ देंगे एक-दूसरे को। विद्यालयों में तरह-तरह के कार्यक्रम होंगे। नन्हे-मुन्हे बच्चे जो पहले से ही संपन्न परिवारों से हैं उन्हें उपहार दिए जाएंगे और शायद आज का दिन उन गरीब बेसहारा बच्चो की भी ईद साबित हो जाये जिन्हें दो वक़्त का भोजन नसीब नहीं होता। कितना अच्छा लगता है मन को यह सोचकर कि आज बाल दिवस के दिन किसी बेसहारा बच्चे की मदद कर दी।

फिर आएगा कल का दिन 15 नवंबर। और फिर क्या? सब पहले जैसा। सड़क पर मांगने वाले बच्चों का हुजूम और उन्हें भीख देने वाले और फटकारने वाले आप और मुझ जैसे ही लोग जिन्होंने एक दिन पहले ही बाल दिवस मनाया था, सब कुछ भूलकर, अपने कार्यो में फिर से व्यस्त।

आओ
अबकी बार
हर दिन एक बाल दिवस हो
हर दिन उस गरीब बालक के जीवन में दिवाकर प्रभात फेरी लगाये
खुशहाली उसके चेहरे पर और मुस्कान होठो पर हो
दरिद्रता उससे कोसो दूर हो
शिक्षा, आहार, स्वास्थ्य एवं आशियाना उसके साथी बने
हँसी की किलकारियों से हर वो सड़क गूंजे जहाँ कभी दरिद्रता की करुण आवाज़ दुहाई देती थी

समस्त नागरिको से अपील है कि हमेशा जब किसी ऐसे बेसहारा और दरिद्र बच्चे को सड़को पर देखें तो उसे अनदेखा न करें या उसकी थोड़ी सहायता करके अपने दायित्वों की खानापूर्ति न करें। वरन स्थानीय लोगो की मदद से एवम स्वयं के प्रयासों से उसे किसी बाल संस्था या प्रशासन के सुपुर्द कर मानवता का परिचय दें।

हेम चंद्र तिवारी की ओर से आप सभी मित्रों को बाल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।

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