Something to Think About...
चुनाव की फिक़र सबको है
इन मौतों का हिसाब कौन देगा?
अपना कसूर पूछने बैठा तो
उस मुर्दे को जवाब कौन देगा?
तब लगा कुंभ और रैलियाँ सड़को पर
अब सूने घरों में आवाज कौन देगा?
जब फसल ही पूरी खाक़ हो गई
तो जमीं को खाद कौन देगा?
- हेम चंद्र तिवारी
कई भाई लोग साथ आ रहे हैं, अच्छा लग रहा है, एक नया भारत दिख रहा है। आजाद हिंद के सपनो का अब फिर परचम लहरा है। उन्नति के शिखरों में अब राज्य ह...
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