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Something to Think About...
Thursday, 10 February 2022
Monday, 24 January 2022
ना दीन ना ईमान यूं नेता हैंगी बेईमान
ना दीन ना ईमान यूं नेता हैंगी बेईमान अब सब लोगुल ली इनुक जान यूं नेता हैंगी बेईमान
चुनाव आणि यूँ हाथ जोड़नी, हाथ जोड़नी खुट पड़नी चुनाव आणि यूँ हाथ जोड़नी, हाथ जोड़नी खुट पड़नी ना जान ना पहचान बड़बेर ऐं जनि मेहमान ना दीन ना ईमान यूं नेता हैंगी बेईमान अब सब लोगुल ली इनुक जान यूं नेता हैंगी बेईमान
वोट दियो मैं दार पिलुलो, दार पिलुलो नोट बाटुलो वोट दियो मैं नोट बाटुलो ,नोट बाटुलो रोजगार दिलुलो बस म्याके जीतै दियो भगवान यूं नेता हैंगी बेईमान ना दीन ना ईमान यूं नेता हैंगी बेईमान अब सब लोगुल ली इनुक जान यूं नेता हैंगी बेईमान
वोट दियो मैं रोड बनुलो, शिक्षा स्वास्थ्य चकबंद करुलो वोट दियो मैं रोड बनुलो, शिक्षा स्वास्थ्य चकबंद करुलो नेता बनबेर नि सुणनि कान यूं नेता हैंगी बेईमान ना दीन ना ईमान यूं नेता हैंगी बेईमान अब सब लोगुल ली इनुक जान यूं नेता हैंगी बेईमान
अपन कुड़ि तिजोरी भरनी, लोगू लीजि खौर खजूनि जब ले लोग के काम बतुनि के न के बहान लगूनि इनुल मचै हैलो कोहराम यूं नेता हैंगी बेईमान ना दीन ना ईमान यूं नेता हैंगी बेईमान अब सब लोगुल ली इनुक जान यूं नेता हैंगी बेईमान
कांग्रेस में नेहगीं भोव बीजेपी में ऐंगी बीजेपी बटी आई कांग्रेस में ऐंगी कार्यकर्ता हैंगी परेशां म्यर कु पार्टी छी हैय राम दलबदलू नेताऊं कु चान, यो जनता ह्वै गे हैरान ना दीन ना ईमान यूं नेता हैंगी बेईमान अब सब लोगुल ली इनुक जान यूं नेता हैंगी बेईमान
जागो दगडियो म्यर पहाड़ियों, पार्टीप्रेमक आग लगै द्यो लूटी गई म्यरो गाड़ गधर ज्यू , वन देव ज्यू म्यर पहाड़ ज्यू खेत बिकि गई, कुड़ी उजड़ गई, बसी गौं ले पलायन कर गई यांक जवानी दारुले पि हई, गौं गौं मा भट्टी छू खुल गई फ़ोकट फ़ोकट की आदत पड़ी गई, शिक्षा व्यवस्था चौपट करि हई कैक भल करला ओ रे नेताओं, पहाड़ो में ले प्रदुषण करि है अब जनताल करि हई पहचान, यूं नेता हैंगी बेईमान ना दीन ना ईमान यूं नेता हैंगी बेईमान अब सब लोगुल ली इनुक जान यूं नेता हैंगी बेईमान
Sunday, 2 May 2021
भुवन जोशी को समर्पित भावपूर्ण श्रद्धांजलि
आया था प्यार का पैगाम लेकर गांव में तेरे
क्या पता था नफरत का कारोबार होता है यहाँ
हैवानियत भी शब्द छोटा लगा देख ये मंजर
तेरे गाँव में कातिलों का मेला लगा था जहाँ
मेरा कसूर ही तो था जो दिल्लगी का जूनून सवार था
फरेब और झूठ से दिल लगाने का अंजाम मौत ही तो है यहाँ
मेरा कातिल मैं तुझे कहुँ, या चंद लोगों को गांव में तेरे
लोगो की मानें तो भीड़ में शामिल हर शख्स कातिल है यहाँ
वो लड़की भी जिसे मिलकर मौत को गले लगाया यहाँ
वो बाप भी जिसने पूरा कसूर ही मेरा पाया वहाँ
वो प्रधान भी कातिल जिसने बेल्ट घूसों से नवाजा मुझे
वो तमाम लोग जिन्होंने हाथों से मारा मुझे
और वो बूढ़ी दादी भी जो मुझ पर तरस खा न सकी
वो महिलाएं जो मेरे खून देख आंसू बहा न सकी
वो अंकल जो मेरी मिन्नतों को अनसुना करते रहे
वो तमाशबीन लड़के भी जो दरिंदों क चंगुल से मुझे बचा न सके
पर शुक्रगुजार हूँ मैं कुछ लोगों का गाँव में तेरे
जिनके कैमरों ने सच को उजागर किया
शुक्रगुजार हूँ दोस्तों का जिन्होंने मेरी मौत पर
इंसाफ माँगा और अपने प्यार का उपहार दिया
मेरे पापा मुझे माफ़ करना मैं लाठी न बन सका बुढ़ापे की
माँ के साथ रहूँगा स्वर्ग में तुम फ़िक्र न करना यहाँ
और मेरे कातिलों तुम भी नर्क भोगोगे इसी दुनिया में
अब कोई न आएगा प्यार का पैगाम लेकर गाँव में तेरे।
Friday, 30 April 2021
Monday, 8 February 2021
Saturday, 26 January 2019
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
Tuesday, 21 August 2018
सब तेरे खुद के बस में है
Thursday, 9 August 2018
Saturday, 4 August 2018
Thursday, 2 August 2018
Monday, 30 July 2018
कई भाई लोग साथ आ रहे हैं, अच्छा लग रहा है, एक नया भारत दिख रहा है। आजाद हिंद के सपनो का अब फिर परचम लहरा है। उन्नति के शिखरों में अब राज्य ह...
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पुण्यवेला ये आयी है अब हर्ष बहार की बाढ़ है संघर्षों, उन कर्मों का ये गणतंत्र दिवस प्रमाण है। जी वीरों के दम पर ये भारत मेरा आजाद हुआ जिन...
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कुछ लम्हे याद आते है जब मैं था छोटा सा अबोध, खुले ही थे अभी शून्य कपोल माँ की प्यार भरी पुचकार कुछ जाती थी बोल माँ के आँचल की छ...