अच्छा लग रहा है, एक नया भारत दिख रहा है।
आजाद हिंद के सपनो का अब फिर परचम लहरा है।
उन्नति के शिखरों में अब राज्य हमारा होगा
एक अन्न जल शिक्षा स्वास्थ्य के कारण पहाड़ दम तोड़ रहा है
अब इस देश के युवा का फिर से खून खौल रहा है।
सुर्ख पड़ी हैं चीखें अब भी राज्य बनाने वालों की
उत्तराखंड में ऐसी सरकार बनाने वालों की
अस्मिता बचाने को जन जन की तब तुमने आवाज उठाई थी?
बोलों अरे मेरे नेताओं क्या तुमने गोली खाई थी?
क्या तुम झूले थे उन झूलों पर कि फिर मां का लाल न उठ पाया,
क्या तुमने था राज्य बनने पर कोई हो मंगलगीत गाया
अरे तुम क्या जानो राष्ट्र हित में अलख जगाने वालों को?
इंकलाब जिंदाबाद के नारे दिन-रात लगाने वालों को?
फिर एक आज और उदित सूर्य हो उठा है हिम के आंचल में
कोई किरण दौड़ती गढ़वाल में और कुछ खिल उठी कुर्मांचल में
पथ की बेड़ियों को तोड़ अलख फिर हमने आज जगानी है
अपनी सरकार बनानी है।
अच्छा लग रहा है, एक नया भारत दिख रहा है।
आजाद हिंद के सपनो का अब फिर परचम लहरा है।
सभी युवा भाईयों को समर्पित जो साथ मेरे आ रहा है
दिल से करता अभिनन्दन दिल गान तुम्हारे गा रहा है।
🙏🙏🙏
No comments:
Post a Comment