रंगों के रंग में रंग जाना है
दिलों को दिलों से मिल जाना है
भूले से दिल दुखे किसी का तो माफ करना
इस होली में हर गिला शिकवा भूल जाना है
धोना है पानी से मन का मैल
लाल भाल माथे पर सजाना है
लाल गुलाल और हरे अबीर से
श्वेत गगन को तिरंगा बनाना है
होलिका तो जली थी कभी पर उसकी बुराई
आज भी फन फैलाये है समाज में
उस बुराई को मिटाना है इस होली में
दिलों को दिलों से मिलाना है
प्रेम का पर्व है, होली, पवित्र त्योहार है
खूब खेलो, होली, हमारे संस्कार है
प्यार बाँटो, रंग उङाओ, पानी की बौछार करो
मैल मिटाओ हर मन से, दिलों में अपने प्यार भरो।
सभी मित्रों को हेम चंद्र तिवारी एवं परिवार की ओर से पवित्र होली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ। सबकी होली, सुरक्षित होली, खेलो मगर प्यार से।
धन्यवाद।
Amazingthou.blogspot.com
Dream Nation Association of India
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