"" दोस्ती ''"
ये दोस्ती भी क्या चीज़ है
कोई खास तो कोई अज़ीज़ है
ये रिश्ता ,
कुछ खट्टा कुछ मीठा
फिर भी लज़ीज़ है
कमाल है ज़िन्दगी भी
क्या खेल ये खिलाती है
एक हसी के बदले
सौ दर्द दे जाती है
रूठने मनाने का
एहसास ही अनूठा है
जिसे मिले उसका नसीब
वर्ना कितनो का साथ छूटा है
आपसी समझ का
है ये अनूठा संगम
दोस्ती ही तो है
जो ले जाये संग - गम
हो जाये अगर बात कोई
तो आंच न आने देना
रिश्ता है ज़ज़्बातों का
इसे दिल से निभाना ....
BY
VARUN KUMAR MAURYA
CLASS- 11TH
LAKES INTERNATIONAL SCHOOL
BHIMTAL, UTTARAKHAND
Amazing....
ReplyDelete