खुद की तलाश मैं कर रहा
रातों में करवट बदल रहा
सुबह के उजाले से भागकर
दिखते अंधेरों में जल रहा
ये बंदिशें...... ये बंदिशें....
जीने नहीं देंगी
ख्वाहिशें...... ये ख्वाहिशें.....
मिटने नहीं हैं अभी
खुद को पहचान ले
अपने को जान ले
परवाह न दूसरों की
मन की तू मान ले
कहता है दिल...... अब थोड़ा मुस्कुरा
दिल की तू सुन जरा
अब थोड़ा मुस्कुरा
दिल की तू सुन जरा
(c), 2016, #mhicha
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