Sunday 16 August 2015

तू अनजाने तू अनजाने


जिंदगी का सार न जाने तू अनजाने तू अनजाने
फिर क्यों ऐसे हार है माने तू अनजाने तू अनजाने

सुख की चांदी जाती रहेगी गम की आंधी आती रहेगी
नए पल की शुरुआत न जाने तू अनजाने तू अनजाने
जिंदगी का सार न जाने तू अनजाने तू अनजाने
फिर क्यों ऐसे हार है माने तू अनजाने तू अनजाने  
इस पल जो भी पा न सका तू सपने सच जो बना न सका तू
इसके पीछे का राज न जाने तू अनजाने तू अनजाने
जिंदगी का सार न जाने तू अनजाने तू अनजाने
फिर क्यों ऐसे हार है माने तू अनजाने तू अनजाने
जिसको अपना बना न सका तू जिसके दिल में समां न सका तू
वो तेरी परवाह क्या जाने तू अनजाने तू अनजाने
जिंदगी का सार न जाने तू अनजाने तू अनजाने
फिर क्यों ऐसे हार है माने तू अनजाने तू अनजाने
तेरे मन जो ज्योत जागेगी गम की चादर वही फटेगी
अपने मन का विश्वास न जाने तू अनजाने तू अनजाने
गम की आंधी जाती रहेगी ओ अनजाने ओ अनजाने
सुख की चांदी आती रहेगी ओ अनजाने ओ अनजाने

जिंदगी का सार न जाने तू अनजाने तू अनजाने
फिर क्यों ऐसे हार है माने तू अनजाने तू अनजाने
  

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