Saturday 10 October 2015

मिलती हैं मेरी राहें तेरी राहों में

मिलती हैं मेरी राहें तेरी राहों में



पाऊ खुद को तेरी पनाहों में
मिलती हैं मेरी राहें तेरी राहों में
ये इश्क़ ना होता तो फिर दिल क्यू है रोता
जो प्यार ना होता तो इज़हार क्यू होता
तुझसे मिलने को में बेकरार होता हूँ
जो बात ना हो पाए परेशान होता हूँ
जादू सा कर डाला तेरी अदाओं ने
मिलती हैं मेरी राहें तेरी राहों में

तेरी मीठी बातें कानो में रस घोले
तेरी एक हसी से तो ये दिल अपना गम भूले
जब दिन निकलता है तू सामने होती है
रातो को भी सपनो में मेरे साथ होती है
तुझको ही पाया है मैने फ़िज़ाओं में
मिलती हैं मेरी राहें तेरी राहों में

ये गीत नही शायद इज़हार है मेरा
दुनिया से कह डाला तू प्यार है मेरा
तेरा जिंदगी में आना इकरार है तेरा
तुझमे ही जिंदा मैं, तू संसार है मेरा
याद रखे दुनिया हमको अफ़सानो में
मिलती हैं मेरी राहें तेरी राहों में

पाऊ खुद को तेरी पनाहों में
मिलती हैं मेरी राहें तेरी राहों में

                                                                                                                                                               by
Hem Chandra Tiwari
'MHICHA'

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