ए- प्यार करने वाले तू इतना प्यार ना कर
मैं कहता हूँ,रोज सहता हूँ
तिल-तिल मरता हूँ, रुसवाई से डरता हूँ
तू सुनती है, इतराती है,
फिर मुँहफेरकर चली जातीहै
मैं जानता हूँ इश्क़ पहचानता हू,
तू कहती पराया मैं अपना मानता हू
तू हँसती है, खिलखिलती है,
मैं फिर आवाज़ देता हूँ तुझे रुकने को कहता हूँ
तू मुड़ के देखती है, मैं तुझको देखता हूँ
तू चेहरे से जुल्फे हटाती है, आँखे झुकाती है
कुछ कहे बिना ही वापस मुड़ जाती है
मैं दौड़कर तेरे पास आता हूँ
दिल पे हाथ रख दिल का हाल सुनाता हूँ
तू धड़कनो को महसूस करती है
अपनी हसरातों को अंदर महफूस रखती है
मैं तेरा हाथ पकड़कर इज़हार करता हूँ
तू प्यार से देखती है पर इनकार करती है
मैं फिर कहता हूँ तू फिर सुनती है
छुड़ा कर हाथ पीछे मुड़ती है
मैं उदास होता हूँ तू आगे बढ़ती है
पर जाते जाते एक बात कहती है
“ए- प्यार करने वाले तू इतना प्यार ना कर
मैं हवा हू बहना काम है मेरा
कब तूफान ला दूं यही अंज़ाम है तेरा \
तू मेरी खातिर ज़िंदगी बर्बाद ना कर
ए- प्यार करने वाले तू इतना प्यार ना कर
मेरी हा कहने से ये इश्क़ मुकम्मल ना होगा
ये दुनिया का जहर प्यार के लिए कभी कम ना होगा
तेरी हसरतें भले ही मुझ पर आकर पूरी होती हो
जब लड़ना पड़े दुनिया से तू यहा कल ना होगा
मैं तुझे दोष दूं तू मुझे दोष देगा
कोई बेगैरत तो कोई बेवफा होगा
अंज़ाम इश्क़ का इस जहाँ में सभी जानते हैं
ये रात ऐसी है कभी सवेरा ना होगा\
तू कर मोहब्बत में तेरे ज़ज्बात की कदर करती हूँ
तुझपे भरोसा है पर जालिम दुनिया से डरती हूँ
कभी धर्म कभी जाती के ये तीर छोड़ेंगे
ज़ख़्मों से नही मैं फासलों से डरती हूँ|”
by
Hem Chandra Tiwari
'MHICHA'
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