Sunday, 8 July 2018

इश्क़ की अधूरी दास्तां



कहने को जो बातें हैं
कब तुमसे हम कह पाएंगे
प्यार तुम्हारा पा न सके तो 
जीते जी मर जायेंगे।


प्यार तुम्हारा हासिल हो
बस एक दुआ है उस रब से
जो न अपनाओ इस दिल को
उस रब से रूठ जायेंगे।


दिली तमन्ना है अपनी
तुझे खुशियों की सौगात मिले
जो हम न हो उन खुशियों में
फिर भी हम मुस्कुरायेंगे।


होगी लबों पे मुस्कानें
आँखों में रुसवाई होगी
तुम हमको भूल जाओगे
हम तुमको भूल  पाएंगे।


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