Saturday 31 October 2015

मा तेरी बिटिया की अभी एक और कोशिश बाकी है

मा तेरी बिटिया की अभी एक और कोशिश बाकी है
अंधेरी इन रातो में एक लौ जलाना अभी बाकी है
मा तेरी बिटिया की अभी एक और कोशिश बाकी है
खुले इस आसमान में एक पतंग अभी मेरी बाकी है
रेशम की डोर से जोडू उसे ये सपना तेरी लाडली का अभी बाकी है

खुशी के रंगा देखू तेरे इन पलों को
पर तेरे इन पलों को अभी जीतना बाकी है
अंधेरी इन रातो में एक लौ जलाना अभी बाकी है
मा तेरी बिटिया की अभी एक और कोशिश बाकी है

तेरे सपनो को उडान दूँ मैं अपने इन पंखों से
पर इन पंखों की ये खुशनशिबी अभी बाकी है
अंधेरी इन रातो में एक लौ जलाना अभी बाकी है
मा तेरी बिटिया की अभी एक और कोशिश बाकी है

तेरे प्यार में गिर-गिर कर सँभालना सिखा दिया
पर तेरी मंज़िल को चुमू ये दौड अभी बाकी है
अंधेरी इन रातो में एक लौ जलाना अभी बाकी है
मा तेरी बिटिया की अभी एक और कोशिश बाकी है

by
Ravinder Singh Raturi
From Rishikesh, Uttarakhand

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